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दोस्तों आज में अपने इस आर्टिकल में आपको अमरुद से होने वाले घरेलू इलाज के बारे में बताउंगी। अमरुद एक सस्ता और स्वादिष्ट फल होता है। इसे कच्चा भी खाया जाता है और सब्जी के रूप में भी। मै यहां इसका औषधि रूप में परिचय देते हुए इसके कुछ विभिन्न प्रयोग प्रस्तुत कर रही हूँ जिनसे कुछ व्याधियों को दूर किया जा सकता है और इस प्रकार अमरुद को घरेलू इलाज में प्रयोग कर लाभ उठाया जा सकता है।

अमरुद से होने वाले घरेलू इलाज 

(सर्दी)

 रुका हुआ जुकाम ठीक करने में अमरुद का जवाब नहीं। जुकाम रुक कर ठस हो जाए तो बिना बीज के एक अमरुद का गुदा खाकर ऊपर से एक गिलास पानी पीने से जुकाम बह निकलता है। पानी पीते समय नाक के दोनों नथुने बंद रखना चाहिए और पानी पीने के बाद छोड़ी जाने वाली सांस मुंह से फेकना चाहिए नाक से नहीं। इस प्रकार 2-3 प्रयोग एक दिन में करना चाहिए। यदि जरूरत हो तो दूसरे दिन भी यह प्रयोग करें। जुकाम बहने लगे तब बंद कर दे। 1-2 दिन जुकाम खूब निकल जाए तब रात को 50 ग्राम गुड़ खाकर बिना पानी पिए सो जाए। जुकाम ठीक हो जाएगा।

(खांसी)

एक पूरा अमरुद आग में भून कर 2-3 दिन खाने से खांसी का कफ निकल जाता है और खांसी में आराम हो जाता है। अमरुद के नरम 5-6 पत्ते लेकर पानी से धोकर पानी में चाय की तरह उबालें और दूध चीनी डालकर चाय की तरह छानकर पीने से खांसी में आराम होता है।

(कब्ज़)

अमरुद खूब खाने से मल चिकना व ढीला होता है और कब्ज़ दूर होता है। पीसी सोंठ, काली मिर्च और सेंधा नमक अमरुद में मिलाकर खाने से पेट का अफरा, गैस और अपच नष्ट होते है। अमरुद की कोमल पत्तियों को पत्थर पर पानी में पीसकर छान लें व पी जाएं इससे पेट दर्द में लाभ होता है।

अमरुद के पत्तों से होने वाले घरेलू इलाज

(दांत दर्द)

पत्तों को चबाने और पत्तों को उबाल कर इस पानी से कुल्ला करने से दांत दर्द बंद होता है और मसूड़ों की सूजन व पीड़ा मिट जाती है।

(गठिया)

गठिया बाय से होने वाली सूजन पर पत्तों को पीस कर लुगदी रखकर लेप करने से सूजन उतर जाती है।

(बवासीर)

खूनी बवासीर में अमरुद के 8-10 पत्ते और अमरुद की छाल 10 ग्राम पानी में डालकर रात भर रखा रहने दें। सुबह इस पानी को इतना उबालें की चौथाई अंश बचे तब उतार कर छाल व पत्तों को मसल कर छान कर पीने से कुछ दिनों में ही खूनी बवासीर ठीक हो जाती है और खून आना बंद हो जाता है।

(पुराने दस्त)

पत्तों को उबालकर पीने और लगातार कई दिनों तक ताजे पके व मीठे अमरुद खाते रहने से दस्त, आंतो की सूजन और घाव आदि में लाभ होता है। अल्सर वालों को 2-3 माह तक खूब मीठा पका हुआ अमरुद खाना चाहिए।

(कांच निकलना)

बच्चों को अक्सर गुदा मार्ग से कांच निकलने की शिकायत हो जाती है और कभी कभी बड़ो को भी। अमरुद के पत्तों को पीसकर इसकी लुगदी को गुदा के मुख पर रख कर बांधने से कांच निकलना बंद हो जाता है।

(अजीर्ण)

अमरुद के पत्तों का रस 1 तोला और थोड़ी चीनी मिला कर प्रतिदिन प्रातःकाल एक बार पीने से 7-8 दिन में अजीर्ण ख़त्म होकर पाचन शक्ति और भूख बढ़ जाती है।

(मुंह के छाले)

अमरुद के पत्तों को कत्थे के साथ पीसकर पान में रखकर चबाने से छालों में आराम मिलता है। अमरुद का निरन्तर सेवन करने से वर्ण साफ होता है ह्रदय को बल मिलता है।

आपने इस आर्टिकल को देखा इसके लिए आपका धन्यवाद करते है | इसमें दिए गए नुस्खो को प्रयोग कर परिणाम नीचे कमेंट में सूचित करने की कृपा करें | 😊😊